दशहरा त्यौहार पर कविता | Dussehra Poem in Hindi

Dussehra Poem in Hindi: दशहरा त्यौहार के शुभ अवसर पर हम आपके साथ शेयर कर रहे है। दशहरा पर कविता (Poems on Dussehra Festival) जैसे की हम सब जानते है दशहरा क्यों मनाया जाता है। इस दिन भगवान राम जी ने लंकापति रावण का वध किया था और “अधर्म पर धर्म की जीत”, “बुराई पर अच्छाई की जीत” हुई थी। दशहरा त्यौहार पर (Poem on Dussehra in Hindi) लिखी गई यह कविता आपको जरूर पसंद आएगी। तो आईये पढ़ते हैं यह सूंदर कविता।
दशहरा शायरी पढ़ें के लिए यहां क्लिक करें:- दशहरा शायरी 2021 | Dussehra Shayari | Happy Dussehra Wishes Message
Dussehra Poem in Hindi
किस्सा एक पुराना बच्चों
लंका में एक था रावण ,
राजा एक महाभिमानी
उस अभिमानी रावण ने था
सबको खूब सताया
रामचंद्र जब आये वन में
सीता को हर लाया
झील मिल झील मिल सोने की
लंका पैरो पे झुकती,
सुंदर थी लंका, लंका में
सोना ही सोना था
तभी राम आये बंदर, भालू
की सेना लेकर
सादा निशाना सच्चाई का
तीर चलाया,
लोभ पाप की लंका धू धू
जल कर राख हो गयी
दिए जलते तभी धरती पर
अगिनत लाखों लाख
इसलिए आज धूम हैं,
रावण आज मारा था
काटे शीश दस दस बरी
उतरा भार धरा का
लेकिन सोचो की,
रावण फिर ना छल कर पाए
कोई अभिमानी ना फिर
काला राज चलाये,
तभी होंगी सच्ची दीवाली
होंगा तभी दशहरा
जगमग जगमग होंगा जब
फिर सच्चाई का चेहरा !!
Poem on dussehra: दोस्तों, जिस तरह दशहरा के दिन बुराई (रावण) का अंत हुआ था। उसी तरह हमारे अंदर की बुराईयों (रावण) का अंत होना भी जरूरी है।
मुझे उम्मीद है कि ये दशहरा हिंदी कविता (dussehra poem) आपको पसंद आई होगी। आप इस कविता को फेसबुक और व्हाट्सएप पर शेयर कर सकते है।
Image credit:- Canva.com