Hindi Kavita Vidai | बिदाई / सुभद्राकुमारी चौहान

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Hindi kavita “विदाई” सुभद्रा कुमारी चौहान (subhadra kumari chauhan) द्वारा लिखित एक छोटी सी कविता है। सुभद्रा कुमारी चौहान हिन्दी की सुप्रसिद्ध कवयित्री थी उन्होंने कई प्रसिद्ध हिंदी में कविताएं लिखी है।

कृष्ण-मंदिर में प्यारे बंधु
पधारो निर्भयता के साथ।
तुम्हारे मस्तक पर हो सदा
कृष्ण का वह शुभचिंतक हाथ॥

तुम्हारी दृढ़ता से जग पड़े
देश का सोया हुआ समाज।
तुम्हारी भव्य मूर्ति से मिले
शक्ति वह विकट त्याग की आज॥

तुम्हारे दुख की घड़ियाँ बनें
दिलाने वाली हमें स्वराज्य।
हमारे हृदय बनें बलवान
तुम्हारी त्याग मूर्ति में आज॥

तुम्हारे देश-बंधु यदि कभी
डरें, कायर हो पीछे हटें,
बंधु! दो बहनों को वरदान
युद्ध में वे निर्भय मर मिटें॥

हजारों हृदय बिदा दे रहे,
उन्हें संदेशा दो बस एक।
कटें तीसों करोड़ ये शीश,
न तजना तुम स्वराज्य की टेक॥


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subhadra kumari chauhan
Image credit:- Canva.com


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