Hindi Poems on Nature | प्रकृति का पैगाम

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Hindi poems on nature में आप पढ़ने जा रहे है, “प्रकृति का पैगाम” कविता। यह कविता मीनाक्षी कुंडू जी ने लिखी है। इस छोटी कविता में मीनाक्षी जी ने प्रकृति का संदेश, हम सब तक पहुंचाया है। इस कविता में उन्होंने कहा है हमें प्रकृति से सीख लेनी चाहिए, हमें दिन प्रतिदिन अपने जीवन में आगे बढ़ना चाहिए। तो चलिए पढ़ते है (new kavita in hindi) यह सुन्दर कविता।

hindi poems on nature

सुबह सुबह ही है उठ जाती
चीं चीं चीं चीं चिड़िया चहचाती 
 केवल जीने के लिए खाती
जीवन का संदेश सुनाती,

कितना प्यारा गीत गाती
प्यासे की है प्यास बुझाती
बदले में कुछ भी ना चाहती
नदियां समंदर में मिल जाती,


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 एक फूल से दूजे पर जाती
रंग-बिरंगी सबको भाती
ना ज्यादा तितली जी पाती
हर पल फिर भी है मुस्काती,

 चींटी सबसे छोटी कहलाती
मेहनत ज्यादा करके दिखलाती
कितना प्यारा पाठ पढ़ाती
परिश्रम का महत्व समझाती, 


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 तार तार को है सजाती 
मकड़ी सुंदर जाल बनाती 
‘हार ना मानो’ हमें सिखाती
‘निराश न होना’ यही बतलाती!! 



दोस्तों, आपको यह Hindi poems on nature कैसी लगी हमें जरूर बताएं। ऐसे ही और inspiring poem in hindi, hindi poems पढ़ने के लिए shayaribell.com को follow जरूर करें।  
धन्यवाद!

Written by:- Minakshi Kundu
Image credit:- Canva.com


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