Maa kavita in hindi | कैसे जाऊं पीहर

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दोस्तों, mothers day poem में आपके लिए लेकर आई हूँ एक छोटी कविता जो new poem in hindi है। इस poem on maa in hindi में आप पढ़ेंगे एक बेटी के मन के शब्द, जो पीहर तो जाना चाहती है लेकिन माँ के बिन पीहर में दिल नहीं लगेगा। ये सोच सोच कर अपनी माँ को याद कर रही है।

माँ के बिन जी ना लागे
घर तो सुना सुना लागे
कैसे जाऊँ पीहर मैं अब
ये दिल तो माँ को माँगे
माँ के बिन जी ना लागे…

चूरमा कभी अचार बनाती
अपनेपन का एहसास जताती
सिर पर रख देती हाथ वो ऐसे
चिंता सारी पल में भगाती…


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अब जाऊँ कभी तो उस घर में 
रात रात भर अँखियाँ जागे
माँ के बिन तो जी ना लागे
घर तो सूना सूना लागे…

कौन किसी का होता है
मायका माँ से होता है,

सब अपने अपने हो गए हैं माँ
दिल याद कर तुझे रोता है
बड़े जतन से संवारा था घर
तुमने बांधे मन्नत के धागे
माँ के बिन तो जी ना लागे
घर तो सूना सूना लागे!


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दोस्तों, इस कविता को पढ़ते-पढ़ते मेरी आंखों में भी आसूँ आ गए, सच ही लिखा है इस कविता में माँ के बिन पीहर खाली-खाली सा लगता है। मुझे तो यह कविता बहुत अच्छी लगी, और मैं उम्मीद करती हूँ जो भी इस heart touching poem को पढ़ेगा। उसका मन भी भर आएगा। ऐसी ही और नई हिंदी की कविता को पढ़ने के लिए Shayaribell.com को follow करना ना भूले।

Written by:- Minakshi Kundu
Image credit:- canva.com, freepik.com


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