Motivational Story In Hindi: चमकीले नीले पत्थर की कीमत

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Motivational Story In Hindi: आज की hindi story बहुत ही interesting है, क्योकि यह एक Inspirational Story है। मुझे उम्मीद है आपको इस कहानी से बहुत कुछ सीखने को मिल सकता है। 

 Motivational Story In Hindi 

Motivational Story In Hindi
Motivational Story In Hindi

एक बार की बात है, एक नगर में एक बड़े विद्वान साधु महाराज जी आए थे। नगर के लोग उनसे आशीर्वाद लेने के लिए उनके आश्रम जाने लगे। साधु महाराज सबको आशीर्वाद देते और जीवन जीने का तरीका समझाते। साधु महाराज लोगों को देखकर उनकी परेशानी बता देते और साथ ही उस का हल भी। 

एक दिन एक गरीब दुखी व्यक्ति जिसका नाम रामू था। साधु महाराज के पास आया और कहने लगा ‘महाराज जी, मैं बहुत गरीब हूँ , मुझ पर कर्ज है, मैं बहुत परेशान हूँ। मेरी कुछ मदद करो’।

साधु महाराज को रामू पर दया आ गई और उन्होंने रामू को एक मूल्यवान नीला पत्थर दिया, और कहा ‘यह बहुत कीमती पत्थर है’। इसे वह बाजार में अच्छी कीमत पर बेच दे और इस पैसे का उपयोग अपने सभी ऋणों को चुकाने के लिए करे। अगर थोड़े पैसे बच जाए तो उससे खुशी-खुशी अपना गुजारा करें। अब यह तुम पर निर्भर करता है कि तुम इसे कितने में बेचते हो।

रामू फिर वहां से पत्थर लेकर चला गया और उसे बेचने के इरादे से एक सब्जी वाले के पास गया। जिसे वह जानता था और उसे पत्थर दिखाया और उसका मूल्य जानना चाहा। रामू ने सब्जी वाले को कहा, यह एक कीमती पत्थर है। तुम मुझे इसके क्या दाम दोगे? सब्जी वाले ने जब पत्थर देखा तो वह बोला यह तो साधारण पत्थर लग रहा है। फिर भी मैं तुम्हें इसके सौ रुपये दे सकता हूँ। रामू यह सुनकर निराश हो गया और अपना पत्थर लेकर चला गया।

अब वह एक फल के व्यापारी के पास गया, जिसे कुछ ज्ञान था, फल वाले ने पत्थर को देखकर कहा, “महात्मा ने तुम्हें यह पत्थर ऐसे ही दिया है, यह कोई कीमती पत्थर नहीं है, लेकिन मैं तुम्हें इस पत्थर के 1000 रुपये दे सकता हूँ।” रामू को यह सुनकर बहुत दुःख हुआ और वे सोचने लगा कि इस पत्थर से मेरा कर्जा ख़त्म नहीं होगा।

रामू हताशा से भर गया और उसने एक बर्तन बेचने वाले से मदद लेने का फैसला किया जिसे वह जानता था। विक्रेता ने पत्थर की जांच की और बताया कि यह एक दुर्लभ रत्न है, मैं इसके लिए तुम्हें 10,000 रुपये दे सकता हूँ। इस लुभावने प्रस्ताव के बावजूद, रामू अभी भी सोच रहा था क्योंकि वह जानता था कि यह राशि उसके पूरे कर्ज को चुकाने के लिए पर्याप्त नहीं होगी है। 

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इस बार रामू ने एक जौहरी के पास जाकर उसे वह पत्थर दिखाया तो सुनार ने कहा, “यह तो बहुत कीमती है।” काफी विचार-विमर्श के बाद उन्होंने पांच लाख रुपये देने का फैसला किया। कीमत सुनते ही रामू खुशी से झूम उठा, और मन में सोचने लगा कीमत बहुत बढ़िया है। लेकिन क्या यह उचित है या नहीं, इसका मूल्य कहीं अधिक हो सकता है।

अब रामू उस बेशकीमती पत्थर को लेकर हीरा व्यापारी के पास गया। अब तक वह समझ चुका था कि यह कोई साधारण पत्थर नहीं है। हीरा व्यापारी ने उस पत्थर को देखा और आश्चर्य से बोला-तुम्हें यह पत्थर कहाँ से मिला? यह बहुत कीमती है। व्यापारी के चेहरे पर भाव देखकर रामू समझ गया कि अब वह पत्थर लेकर सही जगह पर आ गया है।

हीरा व्यापारी ने रामू से कहा मैं इस पत्थर को खरीदना चाहता हूँ, तुम कितने रुपए लोगों इसके ? यह सुनते ही रामू ने कहा- आप कितना दाम दोगे इसका ? हीरा व्यापारी ने कहा, मैं इसका तुम्हें दस लाख रुपए दूंगा। अब तक रामू को पता चल गया था कि पत्थर कितना मूल्यवान है, इसलिए उसने जवाब दिया, “मैं बीस लाख लूंगा, दस नहीं। क्या आप तैयार हैं?” लंबी चर्चा के बाद, अंततः पत्थर को 15 लाख रुपये में बेच दिया गया। व्यापारी मन में विचार करने लगा, “चलो सस्ते में सौदा हो गया।”

Moral of the story: यदि हम अपने काम में सफलता प्राप्त करने की इच्छा रखते हैं, तो यह महत्वपूर्ण है कि कौन क्या कहता है हमे इससे कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए। भले ही कोई कितना ही अपना हो। हमें किसी भी असफलता को सफल होने के अपने संकल्प को कम नहीं होने देना चाहिए और हमेशा अपने लक्ष्यों की ओर खुद को आगे बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए।


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Image Credit:- Canva


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