चेहरे पर चेहरा लगाए घूम रहा है आदमी – Sad Poem
दोस्तों, आज की hindi kavita “चेहरे पर चेहरा लगाए घूम रहा है आदमी” आज के समय में हर इंसान पता नही अपने चेहरे पर कितने mukhauta लगा कर घूम रहा है यह कविता हमारी ज़िन्दगी की सच्चाई है! the poem about life इस कविता से हम उन लोगों को समझाना चाहतें है कि बस अब बहुत हुआ अब अपने चेहरे से यह नकली चेहरा हटाओ!
चेहरे पर चेहरा लगाए घूम रहे है आदमी
बाहर से कुछ, अंदर से कुछ
बने घूम रहे है आदमी
दिन में कुछ और रात में कुछ ओर ही है ये आदमी,
ना समझो की तरह नहीं
समझदारी से काम करने की जरूरत है,
हट को हटा ज़रा सा दिमाग लगाओ
इंसान-इंसान का दुश्मन बना घूम रहा है
अपने विचार को सही करने की जरुरत है
सब अच्छा है खुद को अच्छा बनाने की जरुरत है,
बस अब बहुत हुआ
ये चेहरा हटाओ ज़रा
अपनी असलियत दिखाओ ज़रा
लेकिन फिर भी चेहरे पर चेहरा लगाए घूम रहा है आदमी!
दोस्तों! “हिंदी की कविता सिर्फ़ एक पल ” आपको कैसी लगी,आप इस hindi poem को अपने दोस्तों के साथ भी share करें। क्युकि यह एक motivational hindi poem है जिससे बहुत से लोग inspire हो सकते है और हमारी अन्य Hindi poem, article, motivational story, quotes, thoughts, या inspiring poem इत्यादि पढ़ने के लिए हमें follow ज़रूर करें!
धन्यवाद!