Short Motivational Story in Hindi: भिखारी की सीख
Short motivational story in hindi: हम बचपन से ही motivational, inspirational short stories और moral story से प्रभावित रहे हैं। हम सभी ने उन्हें अपने माता-पिता, शिक्षकों और बड़ों से सुना है। ऐसी motivational short stories हमें एक अच्छी सीख देती हैं। मुझे उम्मीद है कि आपको इस प्रेरणादायक कहानी (best motivational story in hindi) से अच्छी सीख मिलेगी।
Short Motivational Story in Hindi

हाल ही में सूरज का कार एक्सीडेंट हो गया था। इसलिए सूरज ने अपनी कार को ठीक करने के लिए एक गैरेज में दे रखा था। सूरज को काम के लिए हर रोज शहर जाना पड़ता था, इसलिए उसने सोचा की जब तक कार ठीक नहीं हो जाती वो मेट्रो ट्रेन से अपने काम पर जाएगा। एक दिन जब सूरज शहर से घर लौट रहा था तो उसने स्टेशन पर एक भिखारी को देखा। सूरज को उस पर दया आई और उसने अपनी जेब से कुछ पैसे उसे थमा दिए।
भिखारी ने उसे धन्यवाद दिया। अगले दिन सूरज ने भिखारी को फिर से उसी जगह देखा। सूरज ने इस बार उसके लिए कुछ खाने के लिए लाने का फैसला किया, इसलिए वह स्टेशन के बाहर चला गया और उसके लिए खाना ले आया। सूरज ने भिखारी को खाना दिया। भिखारी ने खाने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। सूरज को भिखारी पर दया आती थी और रोज़ सूरज कुछ न कुछ भिखारी हो देता रहता था ऐसे ही कुछ दिन बीत गए। एक दिन सूरज ने भिखारी से पूछ ही लिया, “तुम इस जगह पर कैसे आए?”
सूरज को समझ नहीं आया कि भिखारी ने क्या कहा है भिखारी सूरज को देखकर मुस्कुराया और फिर से कहा, “इससे तुम्हारा क्या मतलब है।” सूरज जानना चाहता था कि वो भिखारी यहां कैसे आया। सूरज के मन में बहुत से प्रश्न थे जिनका जबाब वह भिखारी से जानना चाहता था।
भिखारी ने कहा, मेरे पूरे जीवन के दौरान, मैंने केवल यह ही चाह है कि हर कोई खुश रहे,” मैंने हमेशा सभी की सहायता की, चाहे उस समय मेरा जीवन कैसा भी चल रहा हो।
“क्या आपको इसका पछतावा है?” सूरज ने पूछा। “नहीं, यह बस मेरी आत्मा को कुचल देता है कि जिन लोगों को मैंने अपना सब कुछ दे दिया, वे मेरे बुरे समय में मेरे सामने आकर भी खड़े नहीं हुए,” भिखारी ने रोते हुए जवाब दिया।
भिखारी ने कहा, अपना खुद का घर बनाते समय अपनी ईंटें उन्हें सौंपने के बजाय अपना खुद का घर बनाना और शरण के लिए किसी को आमंत्रित करना बेहतर होता है।
क्योंकि एक दिन तुम उस स्थान को देखोगे जहां तुम ने अपना घर बनाने का इरादा किया था। वह सुनसान इलाका होगा। तब तुम अपने घर को कहा तलाश करोगे।
सूरज समझ गया कि भिखारी क्या कह रहा है और अच्छी सलाह के लिए सूरज ने भिखारी को धन्यवाद दिया।
कुछ ही दिनों में सूरज की कार ठीक हो गई। और वो अपनी कार से ही अपने काम पर जाने लगा। जिस दिन सूरज को समय लगता वह भिखारी से मिलने स्टेशन चला जाता और घंटों बातें करता और कुछ न कुछ खाने को दे आता। ऐसे ही दोनों की दोस्ती हो गई।
Moral: दूसरों की मदद करना कभी भी बुरी बात नहीं है। लेकिन, कभी-कभी, दूसरों की सहायता करते समय, हम अपनी समस्याओं और आवश्यकताओं को भूल जाते हैं। यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि कभी-कभी देने से बांटना बेहतर होता है। यदि आप कमजोर स्थिति के बजाय खुद को मजबूत स्थिति में रखते हैं तो आप और भी बहुत कुछ कर सकते हैं।
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