Nature Poem | झिलमिल तारे कविता / सुभद्राकुमारी चौहान
शेयर करें!Best kavita in hindi में आप पढ़ रहे है, Nature Poem “झिलमिल तारे” यह कविता सुभद्राकुमारी चौहान जी ने लिखी है। आपको यह कविता जरूर पसंद आएगी। कर रहे प्रतीक्षा किसकी हैंझिलमिल-झिलमिल तारे?धीमे प्रकाश में कैसे तुमचमक रहे मन मारे।। अपलक आँखों से कह दोकिस ओर निहारा करते?किस प्रेयसि पर तुम अपनीमुक्तावलि वारा करते? … Continue reading Nature Poem | झिलमिल तारे कविता / सुभद्राकुमारी चौहान
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