गुरु नानक देव जी पर 5 कविताएं | Guru Nanak dev ji poem in Hindi
Guru Nanak Dev Ji Poem In Hindi: गुरुपर्व को गुरु नानक के प्रकाश उत्सव और गुरु नानक जयंती के रूप में भी जाना जाता है, जो सिख धर्म के संस्थापक और 10 सिख गुरुओं में से पहले गुरु नानक देव की जयंती है।
गुरु नानक जयंती, जिसे गुरुपरब भी कहा जाता है, सिख समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण उत्सव है। सिख समुदाय इसे बड़े उत्साह और भव्यता के साथ मनाता है। इस साल यह 27 नवंबर को मनाया जाएगा। गुरु नानक देव जी सिख धर्म के संस्थापक और सिखों के पहले गुरु थे। इस त्यौहार को प्रकाश उत्सव के रूप में भी जाना जाता है और यह कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस मौके पर हम आपके साथ गुरु नानक जी पर लिखी कविताएं साझा कर रहे हैं।
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नानक (Guru Nanak Dev Ji Poem In Hindi)
कौम ने पैग़ामे गौतम की ज़रा परवाह न की
कदर पहचानी न अपने गौहरे यक दाना की
आह ! बदकिसमत रहे आवाज़े हक से बेख़बर
ग़ाफ़िल अपने फल की शीरीनी से होता है शजर
आशकार उसने कीया जो ज़िन्दगी का राज़ था
हिन्द को लेकिन ख़याली फ़लसफ़े पर नाज़ था
शमएं-हक से जो मुनव्वर हो ये वो महफ़िल न थी
बारिशे रहमत हूयी लेकिन ज़मीं काबिल न थी
आह ! शूदर के लीए हिन्दुसतान ग़म ख़ाना है
दरदे इनसानी से इस बसती का दिल बेगाना है
ब्रहमन शरशार है अब तक मये पिन्दार में
शमएं गौतम जल रही है महफ़िले अग़यार में
बुतकदा फिर बाद मुद्दत के रौशन हूआ
नूरे इबराहीम से आज़र का घर रौशन हूआ
फिर उठी आख़िर सदा तौहीद की पंजाब से
हिन्द को इक मरदे कामिल ने जगाया ख़ाब से
-अलामा मुहम्मद इकबाल
जो नर दुख में दुख नहिं मानै (Poem On Guru Nanak Dev Ji)
जो नर दुख में दुख नहिं मानै।
सुख सनेह अरु भय नहिं जाके, कंचन माटी जानै।।
नहिं निंदा नहिं अस्तुति जाके, लोभ-मोह अभिमाना।
हरष शोक तें रहै नियारो, नाहिं मान-अपमाना।।
आसा मनसा सकल त्यागि के, जग तें रहै निरासा।
काम, क्रोध जेहि परसे नाहीं, तेहि घट ब्रह्म निवासा।।
गुरु किरपा जेहि नर पै कीन्हीं, तिन्ह यह जुगुति पिछानी।
नानक लीन भयो गोबिंद सों, ज्यों पानी सों पानी।।
जय गुरु नानक(Gurpurab Par Kavita)
जय गुरु नानक प्यारे ।
जय जय गुरु नानक प्यारे ॥
तुम प्रगटे तो हुआ उजाला
दूर हुए अँधियारे ॥
जय जय गुरु नानक प्यारे ॥
जगत झूठ है सच है ईश्वर
तुमने ही बतलाया ।
वेद पुरान कुरान सभी का
सार हमें समझाया ।
पावन ‘गुरुवाणी’ से हरते
सब अज्ञान हमारे ॥
जय जय गुरु नानक प्यारे ॥
मानव सेवा, परमारथ का
मार्ग हमें दिखलाया ।
दीन दुखी से प्रेम करो, यह
मंत्र हमें सिखलाया ।
शिष्य भाव को जगा, मिटाये
भाव भेद के सारे ॥
जय जय गुरु नानक प्यारे ॥
भूले भटके जग को तुमने
सच की राह दिखाई ।
घृणा द्वेष को मिटा प्रेम की
मन में ज्योति जलाई ।
एक बार फिर आकर कर दो
अंतर में उजियारे ॥
जय जय गुरु नानक प्यारे ॥
-डा. राम वल्लभ आचार्यजय
गुर नानक गुर नानक तूं (Gurpurab Poem in Hindi)
नदी किनारे कूक पुकारां,
उम्मल उम्मल बांह उलारां,
‘साईआं’ ‘साईआं’ हाकां मारां,
तूं साजन अलबेला तूं ।
‘तर के आवां’ ज़ोर न बाहीं,
शूके नदी कांग भर आही,
‘तुर के आवां’ राह न काई,
साजन सखा सुहेला तूं ।
तुलहा मेरा बहुत पुराणा,
घस घस होया अद्धोराणा,
चप्पे पास न कुई मुहाणा,
चड़्ह के पहुंच दुहेला ऊ ।
बद्दलवाई, कहर हवाई,
उडन खटोले वाले भाई,
धूम मचाई, दए दुहाई:-
“ए ना उड्डन वेला उ ।
तूं समरत्थ शकतियां वाला,
जे चाहें कर सकें सुखाला,
फिर तूं मेहरां तरसां वाला,
कर छेती ‘मिल-वेला’ ऊ ।
बाबा नानक ! ए तेरा कमाल (Guru Nanak Jayanti Poem In Hindi)
बाबा नानक ! ए तेरा कमाल, रूहां टुम्ब जगाईआं ।
फाथियां मायआ दे आल जंजाल, रोंदियां तूंहें हसाईआं ।
देश बदेशीं तूं फेरे चा पाए,
नाद इलाही तूं दर दर वजाए,
सुत्ते दित्ते तूं टुम्ब उठाल,
नवियां जिन्दियां पाईआं ।
बाबा नानक ! ए तेरा कमाल, रूहां टुम्ब जगाईआं ।
फाथियां मायआ दे आल जंजाल, रोंदियां तूंहें हसाईआं ।
भरमां दे छौड़ दिलां चों चा कट्टे,
उतों पाए खुल्ल्हे नाम दे छट्टे,
विछड़े मेले तूं साईं दे नाल,
लिव दियां डोरां लगाईआं ।
बाबा नानक ! ए तेरा कमाल, रूहां टुम्ब जगाईआं ।
फाथियां मायआ दे आल जंजाल, रोंदियां तूंहें हसाईआं ।
संगत सारी दी है ए दुहाई,
सानूं वी ख़ैर ओ नाम दी पाईं,
ला लईं आपने चरनां दे नाल,
बख़शीं साडियां उकाईआं ।
बाबा नानक ! ए तेरा कमाल, रूहां टुम्ब जगाईआं ।
फाथियां मायआ दे आल जंजाल, रोंदियां तूंहें हसाईआं।
गुरु नानक देव जी एक महान संत और दार्शनिक थे। उन्होंने एकता और समानता का संदेश दिया। उन्होंने लोगों को सभी धर्मों और संस्कृतियों के लोगों के साथ शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के लिए प्रोत्साहित किया। गुरु नानक देव जी की शिक्षाएँ आज भी प्रासंगिक हैं। वे हमें एक बेहतर दुनिया बनाने के लिए प्रेरित करते हैं।
गुरुपर्व एक ख़ुशी का अवसर है। यह हमें अपने गुरुओं के आदर्शों को याद रखने और उनका अनुसरण करने के लिए प्रेरित करता है। उम्मीद करते है आपको यह कविताऍं पसंद आई होगी। आप सभी को गुरुपर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ।
धन्यवाद।
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