Hindi Poem of Harivansh Rai Bachchan |प्‍यार के पल में जलन भी तो मधुर है !

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Hindi Poem of Harivansh Rai Bachchan

Hindi Poem of Harivansh Rai Bachchan: हिंदी जगत के महान कवियों में से एक है। आज की हिंदी कविता हरिवंश राय बच्चन द्वारा लिखी गई है जो एक love poetry in hindi है तो चलिए पढ़ना शुरू करें।

जानता हूँ दूर है नगरी प्रिया की,

पर परीक्षा एक दिन होनी हिया की,

प्‍यार के पथ की थकन भी तो मधुर है;

प्‍यार के पल में जलन भी तो मधुर है।


आग ने मानी न बाधा शैल-वन की,

गल रही भुजपाश में दीवार तन की,

प्‍यार के दर पर दहन भी तो मधुर है;

प्‍यार के पल में जलन भी तो मधुर है।


साँस में उत्‍तप्‍त आँधी चल रही है,

किंतु मुझको आज मलयानिल यही है,

प्‍यार के शर की शरण भी तो मधुर है;

प्‍यार के पल में जलन भी तो मधुर है।

तृप्‍त क्‍या होगी उधर के रस कणों से,

खींच लो तुम प्राण ही इन चुंबनों से,

प्‍यार के क्षण में मरण भी तो मधुर है;

प्‍यार के पल में जलन भी तो मधुर है।


हरिवंश राय बच्चन (Hindi poet harivansh rai bachchan) हिंदी कवि और प्रसिद्ध अभिनेता अमिताभ बच्चन के पिता हैं। उनकी कविताएँ इतनी लोकप्रिय हैं कि लोग उनकी शैली को पसंद करते हैं इसलिए आज हम पेश करते हैं। प्‍यार के पल में जलन भी तो मधुर है (poem on love in hindi) हरिवंश राय बच्चन की बेहतरीन हिंदी कविता। हमें बताएं कि आपको यह कविता कैसी लगी।

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