Short Hindi Story for Kids | आइसक्रीम का सपना

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Short hindi story for kids में आप पढ़ने जा रहे है dream story “आइसक्रीम का सपना” यह कहानी एक छोटी बच्ची की कहानी है। यह एक new story in hindi है यह हिंदी कहानी आपने पहले नहीं पढ़ी होगी। small hindi story for kids हम आपके बच्चों के लिए लेकर आए है।

short hindi story for kids

सीता और सुषमा दो सगी बहनें थी। दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करती थी और एक ही स्कूल में पढ़ती थी। सीता सुषमा से बड़ी थी और समझदार भी थी। वह घर और स्कूल सब जगह सुषमा का ध्यान रखती थी। दोनों बच्चे पढ़ाई में भी बहुत अच्छे थे लेकिन सुषमा की एक परेशानी थी वह अगर किसी खाने की चीज को सपने में देख लेती तो जब तक वो उसे खा नहीं लेती तब तक उसे हर जगह वही चीज दिखाई देती थी। इसके साथ ही उसे नींद में चलने की भी बीमारी थी।

सीता सुषमा की इस बीमारी और परेशानी के बारे में बहुत अच्छे से जानती थी इसलिए सुषमा अगर सुबह उठकर सीता को अपने सपने के बारे में बताती कि उसने खाने की किसी चीज का सपना देखा है तो वह सुषमा को वह चीज खिला देती थी। ताकि सुषमा किसी परेशानी में ना पड़े।

एक बार सुषमा और सीता के मम्मी पापा को किसी जरूरी काम से शहर के बाहर जाना पड़ा। यह दोनों बच्चे अपनी दादी के साथ घर पर थे दूसरे दिन सुबह सुषमा उठी और उसने सीता से कहा,

“दीदी कल रात मैंने सपना देखा कि मैं एक  बड़े से पार्क में हूं जहां चारों तरफ चॉकलेट टॉफी और आइसक्रीम के बड़े-बड़े कोन रखे हैं। मैं एक बड़ी सी आइसक्रीम के कोन की तरफ बढ़ रही हूं। वह देखने में तो बहुत पास लग रहा था लेकिन जब मैंने उसकी तरफ बढ़ना शुरू किया तो मैं उसके पास पहुंच ही नहीं पा रही थी।”

सीता समझ गई कि आज सुषमा को आइसक्रीम खिलानी पड़ेगी सीता ने सुषमा से कहा, “सुषमा मम्मी पापा तो शाम को आएंगे इसलिए आज तुम्हें शाम तक आइसक्रीम का इंतजार करना होगा।”

सुषमा ने कहा, “अगर मैं आइसक्रीम नहीं खाऊंगी तो कोई परेशानी ना हो जाए।”

सीता ने कहा, “मैं तुम्हारा पूरा ध्यान रखूंगी तुम बिल्कुल भी फिक्र मत करो।”

दोनों बहने तैयार हुई और स्कूल की तरफ जल्दी सुषमा को तो हर जगह सिर्फ आइसक्रीम ही दिख रही थी लेकिन सीता ने जोर से उसका हाथ पकड़ रखा था और बार-बार उसे बोल रही थी मम्मी शाम को आएंगी तब हम आइसक्रीम खाएंगे किसी तरह दोनों स्कूल पहुंच गए, दोनो की क्लास अलग थी इसलिए सीता ने सुषमा को उसकी क्लास में छोड़ा और उससे कहा,“तुम बिल्कुल फिक्र मत करो शाम को हम आइसक्रीम खाएंगे।”

फिर सीता अपनी क्लास में चली गई। उस दिन संगीता मैडम क्लास में नहीं आई सारे बच्चे बातें करने और खेलने में जुट गए लेकिन सुषमा के दिमाग में तो आइसक्रीम ही चल रही थी। सोचते सोचते उसे नींद आ गई नींद में सुषमा को फिर से वही सपना दिखा चारों तरफ आइसक्रीम चॉकलेट रखे हुए हैं।

अब सुषमा नींद में आइसक्रीम खाने के लिए उस बड़े से आइसक्रीम के कोन की तरफ बढ़ने लगी सुषमा तो नींद में थी उसे समझ नहीं आ रहा था लेकिन वह सच में चल रही थी। चलते चलते वह क्लास के बाहर आई फिर स्कूल की छत की तरफ चल दी क्योंकि उसे सपने में दिख रहा था कि वह आइसक्रीम की तरफ बढ़ रही है। छत से घूमकर व नीचे पार्क में आई और स्कूल के स्टोर रूम की तरफ चल दी तभी किसी ने सीता को जाकर बताया कि सुषमा तो स्कूल की छत पर चढ़ गई है।

सीता दौड़ती हुई सुषमा को देखने के लिए आई। उसने सुषमा को स्कूल के स्टोर रूम में जाते देख लिया वह भी उसके पीछे-पीछे दौड़ी उसे आवाज देने लगी लेकिन सुषमा को तो कुछ सुनाई नहीं दे रहा था। वो नींद में चलती जा रही थी चलती जा रही थी।

सुषमा स्कूल के स्टोर रूम में पहुंचकर रुक गई और किसी चीज को उठाकर चाटने लगी क्योंकि उसके सपने के हिसाब से वह आइसक्रीम तक पहुंच गई थी और आइसक्रीम खा रही थी। इतने में सीता वहां आई और उसने देखा कि सुषमा एक गन्दी सी ट्रॉफी को चाट रही है।

सीता ने कहा,“सुषमा यह कोई खाने की चीज नहीं है यह तो ट्रॉफी है।” उसने सुषमा के हाथ से ट्रॉफी छीन ली। सुषमा जोर से रोने लगी, “मेरी आइसक्रीम मेरी आइसक्रीम” सीता को याद आया कि कल सुषमा ने आइसक्रीम का सपना देखा था।

उसने डर की वजह से तुरंत वो ट्राफी सुषमा को वापस कर दी और उसका हाथ पकड़कर उसे स्टोर रूम के बाहर ले आई। दूसरी तरफ स्कूल के बच्चे जिन्होंने सुषमा को छत पर जाते और अजीब हरकतें करते देखा था। वह सब भी वहां आ गए उनके साथ स्कूल के प्रिंसिपल और टीचर भी थे जब सीता और सुषमा स्टोर रूम से बाहर आए तो प्रिंसिपल सर ने सुषमा के हाथ में वह ट्राफी देखी और खुश होकर चिल्लाने लगे, “मेरी खोई हुई चीज मुझे वापस मिल गई।” यह सुनकर मैथ्स के टीचर अजय सर ने कहा, “सर सीता और सुषमा आपकी कोई चीज है?”

प्रिंसिपल सर ने कहा, “नहीं मैं सुषमा के हाथ में जो ट्राफी है उसके बारे में बात कर रहा हूं।” कहते हुए प्रिंसिपल सर ने सुषमा के हाथ से ट्रॉफी ले ली जैसे ही उन्होंने ट्राफी ली। सुषमा फिर से रोने लगी, “मेरी आइसक्रीम मेरी आइसक्रीम।”

प्रिंसिपल सर ने जल्दी से ट्राफी सुषमा को वापस कर दी और सीता से पूछा, “ये ट्राफी को आइसक्रीम कहकर क्यों चाट रही है?” सीता ने प्रिंसिपल सर को सारी बात बताई और सुषमा की नींद में चलने की बीमारी के बारे में भी बताया। उन्हें यह भी बताया कि आज उसके मम्मी पापा शहर में नहीं है जिसके कारण वह सुबह सुषमा को आइसक्रीम नहीं खेला पाई और ये सब परेशानी हुई।

प्रिंसिपल सर हंसने लगे और उन्होंने कहा, “सुषमा की वजह से मुझे मेरी खोई हुई ट्राफी वापस मिली है इसलिए मैं सुषमा के साथ-साथ तुम सबको भी आइसक्रीम खिलाऊंगा।” फिर उन्होंने स्कूल में आइसक्रीम वाले को बुलाया और सब बच्चों को अपनी ट्राफी मिलने की खुशी में आइसक्रीम खिलाई। इस तरह सुषमा को अपने सपने की आइसक्रीम सच में खाने को मिली और वह खुश हो गई।


दोस्तों, कैसी लगी आपको आज की story in hindi “आइसक्रीम का सपना” हमे comment करके जरूर बताए, और shayaribell.com को follow करना ना भूलें।
धन्यवाद!

Story in hindi written by:- Shubhi Gupta
Image credit:- 
canva.com


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