Pyasa Kauwa Ki Kahani | प्यासे कौवे की कहानी | Thirsty Crow Story in Hindi

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Pyasa Kauwa ki Kahani: “प्यासा कौवा” कहानी (Pyasa Kauwa Story in Hindi ) एक प्रसिद्ध हिंदी कहानी है, आज के लेख में हम आपके साथ प्यासा कौवा स्टोरी (Thirsty Crow Story in Hindi) हिंदी में साझा कर रहे हैं। वो भी अलग अंदाज में। 

बच्चों को अच्छी बाते सिखाने के लिए कहानियों से बेहतर क्या हो सकता है? सोते समय या दिन के दौरान कहानियाँ, बच्चों के साथ जुड़ने और उन्हें सबक सिखाने का एक शानदार तरीका है। 

जब हम बच्चों को उस तरह से कहानियाँ सुनाते हैं जैसे वे समझते हैं  तो उनमें अपने माता-पिता की बात सुनने की आदत विकसित होने लगती है, जो बाद के वर्षों में बहुत मदद करती है। 

प्यासे कौवे की कहानी (Pyasa Kauwa ki Kahani) सदियों से चली आ रही है और लगभग हर कोई इसके बारे में जानता है। आइए पढ़ना शुरू करते है:-

प्यासे कौवे की कहानी | Pyasa Kauwa Ki Kahani

Pyasa Kauwa


एक बार की बात है, एक जंगल में एक प्यासा कौआ रहता था। वह बहुत दिनों से पानी नहीं पी पाया था और उसकी प्यास बहुत बढ़ गई थी। वह एक नदी की तलाश में इधर-उधर उड़ता रहा, लेकिन उसे कहीं भी पानी नहीं मिला।

आखिरकार, वह एक खेत में पहुंचा। खेत में एक खरगोश बाल्टी से पानी पी रहा था। 

कौवा ने तय किया कि वह खरगोश की बाल्टी को छीन लेगा और खरगोश के पास पहुंचकर उसने कहा, “खरगोश भैया, मुझे बहुत प्यास लग रही है। क्या आप मुझे अपनी बाल्टी से थोड़ा पानी पिला सकते हैं?”

खरगोश ने देखा कि कौवा बेहद प्यासा दिख रहा है, और वह उसकी मदद करने के लिए तैयार था। खरगोश ने कौवा को अपनी बाल्टी से पानी पिलाया। कौवा ने अपनी प्यास बुझाई, लेकिन वह तय कर लिया कि वह खरगोश की बाल्टी को छीनने की कोई योजना बनाएगा।

वह कहने लगा, “खरगोश भैया, आपकी बाल्टी बेहद अच्छी है, पर मुझे लगता है कि यह बाल्टी अब आपके लिए अधिक उपयोगी नहीं होगी। क्या आप मुझे अपनी बाल्टी दे सकते हैं?”

खरगोश, जो बहुत ही निर्लज्ज और उदार था, ने कौवा को अपनी बाल्टी दी। कौवा बहुत खुश हुआ क्योंकि उसकी  योजना काम कर गई। वह बाल्टी को अपने पंखों पर उठाकर उसे ले गया और खरगोश के पास से उड़ गया।

खरगोश ने कौवे को जाते हुए देखा और उसे बहुत दुख हुआ। उसे लगा कि कौवा ने उसका विश्वास तोड़ा है।

कौवा बहुत खुश था कि उसने खरगोश की बाल्टी चुरा ली है। वह अपने घोंसले में गया और बाल्टी को रख दिया। उसने बाल्टी को अपने पास रखा और उस पर बहुत गर्व किया।

लेकिन कौवे को जल्द ही पता चला कि उसने गलत काम किया है। बाल्टी को अपने पास रखने से उसे कोई खुशी नहीं मिली। वह हमेशा खरगोश को याद करता था और उसकी बाल्टी को चुराने के लिए खुद को दोषी महसूस करता था।

एक दिन, कौवा ने फैसला किया कि वह खरगोश से माफी मांगेगा। वह खरगोश के पास गया और बोला, “खरगोश, मुझे माफ़ करना। मैंने तुम्हारी बाल्टी चुरा ली थी। मैं जानता हूं कि मैंने गलत काम किया है।”

खरगोश ने कौवे को देखा और कहा, “ठीक है, कौवा। मैं तुम्हें माफ़ कर देता हूं। लेकिन तुम कभी भी ऐसा मत करो।”

कौवा ने खरगोश से वादा किया कि वह कभी भी ऐसा नहीं करेगा। उसने खरगोश की बाल्टी वापस दे दी और खरगोश को बहुत खुशी हुई।

कौवा ने सीखा कि हमें कभी भी दूसरों से कुछ नहीं छीनना चाहिए। हमें दूसरों की मदद करनी चाहिए और उनका सम्मान करना चाहिए।

Moral of story in hindi:- कहानी हमें सिखाती है कि धोखा देना या चोरी करना गलत है और हमें किसी के विश्वास के साथ विश्वासघात नहीं करना चाहिए।



एक प्यासे कौवे की कहानी  | Thirsty Crow Story in Hindi

Thirsty Crow Story in Hindi


एक बार की बात है, एक प्यासा कौवा था। वह बहुत दिनों से प्यास से तड़प रहा था। वह पानी की तलाश में इधर-उधर उड़ता रहा, लेकिन उसे कहीं भी पानी नहीं मिला।

एक दिन, वह एक पेड़ पर बैठा था, तभी उसे एक तालाब दिखाई दिया। वह तुरंत तालाब के पास उड़ गया और पानी पीने लगा।

वह बहुत खुश था कि आखिरकार उसे पानी मिल गया था। लेकिन जैसे ही वह पानी पी रहा था, उसने एक मछली को पानी में छलांग लगाते हुए देखा। मछली इतनी सुंदर थी कि कौवा की आंखें फटी रह गईं।

कौवा ने मछली को पकड़ा और अपने पंखों में दबा लिया। वह मछली को लेकर पेड़ पर आ गया और उसे खाने लगा।

मछली ने कौवे से कहा, “तुम मुझे मत खाओ। मैं तुम्हें एक राज़ बता सकती हूं।”

कौवे ने मछली को जाने दिया और कहा, “तुम मुझे क्या राज़ बताओगी?”

मछली ने कहा, “इस तालाब के पास एक जादुई पेड़ है। इस पेड़ के फल खाने से तुम अमर हो जाओगे।”

कौवे को मछली की बात सुनकर बहुत खुशी हुई। वह उस पेड़ को ढूंढने निकल पड़ा।

उसने बहुत खोजा, लेकिन उसे वह पेड़ नहीं मिला। वह बहुत थक गया और बैठ गया।

तभी, उसे एक बूढ़ा आदमी दिखाई दिया। बूढ़े आदमी ने कौवे से पूछा, “तुम यहां क्या कर रहे हो?”

कौवे ने बूढ़े आदमी को पूरी कहानी सुनाई। बूढ़े आदमी ने कौवे को बताया, “मैं तुम्हें उस पेड़ के बारे में बता सकता हूं। लेकिन तुम्हें मुझ से एक वादा करना होगा कि तुम इस पेड़ के फल को कभी नहीं खाओगे।”

कौवे ने बूढ़े आदमी से वादा किया और बूढ़े आदमी ने उसे उस पेड़ के बारे में बताया।

कौवे ने अगले दिन उस पेड़ को ढूंढ लिया। उसने पेड़ पर जाकर देखा कि उस पर बहुत सारे फल लगे हुए हैं। लेकिन उसने बूढ़े आदमी से किया वादा याद रखा और उसने उन फलों को नहीं खाया।

कौवे ने उस पेड़ के बारे में सभी जानवरों को बताया। लेकिन कोई भी उस पेड़ के फल को नहीं खाया।

कौवा बहुत खुश था कि उसने उस पेड़ के फल को नहीं खाया। वह जानता था कि अगर उसने वह फल खा लिया होता, तो वह अमर हो जाता। लेकिन वह अमर नहीं होना चाहता था। वह चाहता था कि वह एक अच्छा कौवा बने और दूसरों की मदद करे।

Moral of story:- “प्यासा कौआ” कहानी का उपदेश यह है कि हमें लालच के प्रलोभन का विरोध करना चाहिए और गलत काम करने से बचना चाहिए। 



प्यासा कौवा | Pyasa Kauwa Story in Hindi

Pyasa Kauwa Ki Kahani

एक बार की बात है, एक प्यासा कौवा अपनी प्यास बुझाने के लिए दिन भर पानी को खोज कर रहा था। वह एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर उड़ता रहा था, लेकिन उसे खिन भी पानी नहीं मिला।

आखिरकार, वह एक गाँव में आ गया। गाँव के बीच में एक मटकी पड़ी थी। कौवा ने  मटकी  के पास उड़कर देखा कि मटकी का पानी बहुत गहरा है और वह अपनी चोंच से पानी तक नहीं पहुँच सकता है।

कौवा बहुत निराश हुआ। उसे लगा कि वह पानी कभी नहीं पी पाएगा। लेकिन तभी, उसे एक विचार आया। उसने एक पत्थर उठाया और मटकी में फेंक दिया।

पत्थर मटकी में गिर गया और पानी की आवाज़ आई। कौवे को बहुत खुशी हुई। उसने सोचा कि अब वह पानी पी पाएगा।

कौवा ने एक-एक करके कई पत्थर मटकी में फेंक दिए। हर बार पत्थर मटकी में गिरता, तो पानी का स्तर थोड़ा-थोड़ा ऊपर उठता जाता था।

आखिरकार, पानी का स्तर इतना ऊपर उठ गया कि कौवा अपनी चोंच से पानी तक पहुँच गया। कौवे ने पानी पीया और अपनी प्यास बुझा ली।

कौवा बहुत खुश हुआ। उसने सोचा कि उसने एक बहुत अच्छा विचार किया था। 

Moral of the story: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए। अगर हम मेहनत करते हैं, तो हम कुछ भी हासिल कर सकते हैं।


प्यासे कौवे (Pyasa Kauwa Ki Kahani) कहानी हमें सिखाती है कि जब समस्याओं का सामना करना पड़ता है, तो हमें रचनात्मक रूप से सोचने की ज़रूरत होती है और अक्सर हमारे पास तत्काल समाधान नहीं होते हैं। इसलिए, हमें नवाचार और उद्यमिता की ओर रुख करना चाहिए। कठिनाई चाहे जो भी हो, समाधान खोजा जा सकता है। कहानी बच्चों को एक उद्यमी होने और समस्याओं को हल करने के लिए खुद पर विश्वास करने के मूल्य के बारे में सिखाती है।

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Image Credit:- Freepik, Canva


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