Saraswati Mata ki Kahani: ज्ञान की देवी माता सरस्वती की कहानी 

शेयर करें!

Saraswati Mata ki Kahani
Saraswati Mata ki Kahani


सरस्वती माता की उत्पत्ति के बारे में कई कहानियां प्रचलित हैं। एक प्रचलित कहानी के अनुसार, वे भगवान ब्रह्मा के मस्तक से उत्पन्न हुई थीं। जब ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की, तो उन्हें ज्ञान और कला को व्यवस्थित करने के लिए किसी की आवश्यकता महसूस हुई। उन्होंने अपनी शक्ति से सरस्वती माता को जन्म दिया। देवी के मुख से ज्ञान की अमृत धारा बहने लगी और उनकी वाणी से मधुर संगीत की लहरें उठने लगीं। ब्रह्मा जी ने देवी का नाम सरस्वती रखा, जिसका अर्थ है “ज्ञान की धारा”।

एक अन्य कहानी के अनुसार, सरस्वती माता समुद्र मंथन से उत्पन्न हुई थीं। जब देवता और असुर समुद्र मंथन कर रहे थे, तो 14 रत्न निकले, जिनमें से एक सरस्वती माता थीं। माँ सरस्वती को कई अन्य नामों से भी जाना जाता है, जैसे कि वाग्देवी, भारती, शारदा, सरस्वती, वाक्, शारदा, वीणावादिनी, ज्ञानदा, कलादा, भगवती, ब्रह्मावादिनी और सरस्वती। माँ सरस्वती को अक्सर नदियों के साथ भी जोड़ा जाता है, जो ज्ञान और जीवन का प्रतीक हैं। माँ सरस्वती की पूजा भारत और अन्य देशों में भी की जाती है।

माँ सरस्वती को चार भुजाओं वाली देवी के रूप में चित्रित किया जाता है। उनके हाथों में वीणा, पुस्तक, माला और जल पात्र होते हैं। वीणा ज्ञान और कला का प्रतीक है, पुस्तक शिक्षा और ज्ञान का प्रतीक है, माला भक्ति और शुद्धता का प्रतीक है, और जल पात्र जीवन का प्रतीक है। माँ सरस्वती का श्वेत वस्त्र ज्ञान और शुद्धता का प्रतीक है।

माँ सरस्वती का वाहन हंस है। हंस ज्ञान और विद्या का प्रतीक है। कहा जाता है कि हंस केवल शुद्ध जल पीता है, इसलिए यह ज्ञान और विद्या के शुद्ध रूप का प्रतीक है। हंस माँ सरस्वती की सवारी बनकर ज्ञान और विद्या को सारे विश्व में फैलाता है।

माँ सरस्वती को ज्ञान, कला, संगीत, विद्या, बुद्धि और वाणी की देवी माना जाता है। वे विद्यार्थियों को ज्ञान और बुद्धि प्रदान करती हैं। वे कलाकारों को रचनात्मकता प्रदान करती हैं। वे संगीतकारों को संगीत की प्रेरणा प्रदान करती हैं। वे कवियों को काव्य रचना की प्रेरणा प्रदान करती हैं। वे सभी लोगों को वाणी और भाषा का ज्ञान प्रदान करती हैं।

माँ सरस्वती की पूजा वसंत पंचमी के दिन विशेष रूप से की जाती है। इस दिन विद्यार्थी अपनी पुस्तकें और लेखन सामग्री माँ सरस्वती के सामने रखकर उनकी पूजा करते हैं। वे माँ सरस्वती से ज्ञान और बुद्धि प्राप्ति की प्रार्थना करते हैं।


माँ सरस्वती से जुड़ी कई कहानियां हैं। एक कहानी के अनुसार, एक बार माँ सरस्वती एक हंस पर सवार होकर पृथ्वी पर घूम रही थीं। तभी उन्होंने देखा कि कुछ बच्चे खेल रहे हैं। वे बच्चे बहुत खुश थे और वे खेलते हुए गा रहे थे। माँ सरस्वती उनके गाने को सुनकर बहुत प्रसन्न हुईं। उन्होंने उन बच्चों को आशीर्वाद दिया और कहा कि तुम सभी ज्ञान और विद्या में प्रवीण हो जाओ।

माँ सरस्वती की शक्ति का एक उदाहरण है वेदव्यास जी। वेदव्यास जी ने माँ सरस्वती की कृपा से महाभारत और वेदों की रचना की।

सरस्वती माता से जुड़ी कई कहानियां प्रचलित हैं। इनमें से एक प्रसिद्ध कहानी है “सरस्वती और ब्रह्मा”। इस कहानी के अनुसार, ब्रह्मा ने अपनी शक्ति से सरस्वती माता को जन्म दिया। जब सरस्वती माता जन्मीं, तो वे बहुत सुंदर थीं। ब्रह्मा उन्हें देखकर मोहित हो गए और उनसे शादी करना चाहते थे। सरस्वती माता ने ब्रह्मा के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया क्योंकि वे उनकी बेटी थीं।


Read also:-

Mythology story: लक्ष्मी जी की चमत्कारी अंगूठी 

Samudra Manthan Story in Hindi | समुद्र मंथन हिंदू पौराणिक कथा

Best Story of Gautam Buddha in Hindi: गौतम बुद्ध की कहानी 


माँ सरस्वती विद्या और कला की देवी हैं जिनका जीवन शिक्षा, कला और संस्कृति में समर्पण का प्रतीक है। उन्हें सभी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत माना जाता है। वे छात्रों की सफलता में भी मदद करती हैं। आपको यह कहानी कैसी लगी हमे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताएं। ऐसे ही और कहानियां पढ़ने के लिए Shayaribell.com को फॉलो करें।


शेयर करें!

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *