Best Story of Gautam Buddha in Hindi: गौतम बुद्ध की कहानी 

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Best Story of Gautam Buddha: बुद्ध के उपदेशों में अहिंसा, करुणा और दया के महत्व पर भी जोर दिया गया है। बुद्ध कहते हैं कि हमें सभी जीवों से प्रेम करना चाहिए और उनका दुख दूर करने का प्रयास करना चाहिए। अहिंसा, करुणा और दया के मार्ग पर चलकर हम अपने जीवन में शांति और आनंद पा सकते हैं।


महात्मा बुद्ध के उपदेश, विचार और कहानियाँ जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में बहुत मददगार हैं। बुद्ध के उपदेशों में दुख से मुक्ति पाने के लिए सच्चाई, दया और करुणा के मार्ग पर चलने की शिक्षा दी गई है। उनके विचारों में जीवन के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण और दूसरों के प्रति प्रेम और सहानुभूति की भावना शामिल है। उनके कहानियों में जीवन के विभिन्न पहलुओं और चुनौतियों के बारे में शिक्षाप्रद सीखें मिलती हैं।

बुद्ध की कहानियां भी हमें जीवन के कई महत्वपूर्ण पाठ सिखाती हैं। इन कहानियों में हमें बताया गया है कि कैसे हम अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं। बुद्ध की कहानियां हमें प्रेरित करती हैं और हमें जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रोत्साहित करती हैं।

आज की कहानी में हम बुद्ध की एक कहानी आपके साथ साझा कर रहे हैं। आशा है आपको यह कहानी पसंद आएगी और आपको इस कहानी से कुछ सीखने को मिलेगा।

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आप क्या लेना पसंद करेंगे? उदासी या मुस्कान (Best Story of Gautam Buddha in Hindi)

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एक बार बुद्ध एक गांव से गुजर रहे थे। लेकिन उस गांव में लोगों के बीच गौतम बुद्ध को लेकर गलत धारणा थी, जिस कारण वो बुद्ध को अपना दुश्मन मानते थे। जब उस गांव में बुद्ध आए तो गांव वाले उन्हें बहुत भला बुरा कहने लगे और बदुआएं देने लगे।

लेकिन इसके बावजूद भी बुद्ध गांव वालों की बात शांति से और मुस्कुरा कर चुपचाप सुनते रहें। गांव वालों ने देखा कि, उनकी बातों का बुद्ध पर कोई असर नहीं हो रहा है और वे विनम्रता से उनकी बातें सुन रहे हैं। गांव वाले जब बोलते-बोलते थक गए तो आखिर में बुद्ध ने कहा कि– ‘यदि आप सभी की बातें समाप्त हो गयी हो तो मैं अब प्रस्थान करूं’।

बुद्ध की बात सुनकर गांव वाले हैरान रह हए। लेकिन उस भीड़ में एक व्यक्ति ने बुद्ध से कहा कि- ‘हमने तुम्हारी कोई प्रसन्नता नहीं की है। हम तुम्हें बदुआएं दे रहे हैं। क्या तुम्हे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता?”

बुद्ध मुस्कुराते हुए बोले– जाओ मैं आपकी गालियां या बद्दुओं को लेता ही नहीं। आपके द्वारा दी गई गालियों से भला मेरा क्या होगा, जब तक कि मैं आपकी गालियों को स्वीकार ही नहीं करता इसका कोई परिणाम ही नहीं होगा। जानते हैं कुछ दिन पहले एक व्यक्ति ने मुझे बहुत सारे उपहार दिए। लेकिन मैंने उसे लेने से मना कर दिया। जब मैं लूंगा ही नहीं तो कोई मुझे कैसे दे पाएगा।

बुद्ध ने पूछा- बताइये अगर मैंने उपहार नहीं लिया तो उपहार देने वाले व्यक्ति ने क्या किया होगा। भीड़ में से किसी ने कहा- व्यक्ति ने अपने उपहार को अपने पास रख लिया होगा। बुद्ध ने कहा- मुझे आप सब पर इसलिए दया आती है। क्योंकि मैं आपकी इन गालियों को लेने में असमर्थ हूं और आपकी ये गालियां आपके पास ही रह जाएगी।

सीख: भगवान गौतम बुद्ध के जीवन से जुड़ी इस कहानी से यह सीख मिलती है कि, हम अक्सर अपने दुखों का कारण दूसरों को समझते हैं। लेकिन असल में यह हम पर ही निर्भर करता है कि हम वास्तव में क्या लेना चाहते हैं ‘खुशी या गम’, ‘उदासी या मुस्कान’। यकीन मानिए ये छोटी सी कहानी जीवन में एक बड़ा बदलाव ला सकती है। 


बुद्ध कहते हैं कि बुद्ध बनने के लिए हमें उनके विचारों को सुनना चाहिए और अपने जरूरत के अनुसार रूपांतरित कर अनुसरण करना चाहिए। इसका अर्थ है कि हमें बुद्ध के उपदेशों को समझने और उनका अपने जीवन में अनुप्रयोग करने का प्रयास करना चाहिए। हम बुद्ध के उपदेशों को अपने जीवन में लागू करके अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं।

आपको यह कहानी आप क्या लेना पसंद करेंगे? उदासी या मुस्कान (Best Story of Gautam Buddha in Hindi) कैसी लगी हमे कमेंट करके जरूर बताएं , ऐसी और मजेदार कहानियां पढ़ने के लिए Shayaribell.com पर हमारे साथ बने रहें।
धन्यवाद!

Image Credit:- Eastmojo


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