Inspirational Story in Hindi – प्रेरणादायक कहानी “खिड़की”

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Inspirational Story in Hindi: यह दो लोगों की कहानी है जो गंभीर रूप से बीमार थे और अस्पताल में एक ही कमरे में रहते थे। आपको इस कहानी से दो अच्छी सिख मिलेगी।

Inspirational Story in Hindi

Inspirational Story in Hindi
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एक आदमी का नाम रमेश था और दूसरे का अशोक। रमेश का बिस्तर कमरे की खिड़की के बगल में था और उसे फेफड़ों के इलाज के दौरान केवल एक घंटे के लिए खिड़की के पास बैठने की इजाजत थी। और अशोक को सारा दिन पीठ के बल लेटकर बिताना पड़ता था।

दोनों घंटों आपस में बात किया करते थे। वे अपनी पत्नी, परिवार, घर, नौकरी, छुट्टी के बारे में बात करते। हर दोपहर जब कमरे की खिड़की के बगल में रमेश बैठता था, तो वह अशोक को खिड़की के बाहर के दृश्यों के बारे में बताता इस तरह दोनों का समय व्यतीत होता था।

अशोक बिस्तर पर बैठ कर उस एक घंटे की अवधि को बहुत पसंद करता। जैसे खिड़की से रमेश बाहरी दुनिया के सभी उत्तम विवरणों का वर्णन करता था और अशोक अपनी आँखें बंद कर लेता था और उस दृश्य की कल्पना करता था।

एक दोपहर रमेश ने खिड़की से गुजरते हुए एक बहुत ही सुंदर परेड का वर्णन किया। अशोक बैंड की आवाज़ को सुन नहीं पा रहा था, लेकिन वह उन सभी चीजों की कल्पना कर सकता था जो रमेश खिड़की से देखकर उसको बताया रहा था। अचानक अशोक के दिमाग में एक विचार आया, “रमेश को सब कुछ देखने का सुख क्यों मिले और मुझे कुछ भी देखने को न मिले।”

जैसे-जैसे दिन बीतते गए अशोक अधिक से अधिक खिड़की से बाहर की और देखने को आतुर होने लगा। उसकी ईर्ष्या उस पर हावी हो गई। वह सो नहीं पा रहा था और उसने सोचा कि अब अपने जीवन को नियंत्रित करना चाहिए।

एक दिन जब देर रात रमेश खांसने लगा। वह अपने तरल पदार्थों के कारण घुट रहा था और अशोक कमरे की मंद रोशनी में रमेश को देख रहा था। रमेश मदद के लिए कॉल करने के लिए बटन को पकड़ने की कोशिश कर रहा था। यह देखकर भी अशोक हिला नहीं, उसने अपना बटन नहीं दबाया जिससे मदद के लिए कमरे में कोई नहीं आया। पांच मिनट से भी कम समय में रमेश की सांस लेने की आवाज बंद हो गई। अब कमरे में केवल मौत का सन्नाटा था।

अगली सुबह नर्स उन दोनों को पानी को दवा देने पहुंची। उसने वहाँ खिड़की के पास रमेश का बेजान शरीर देखा। जैसे ही अशोक को उचित लगा, उसने नर्स से पूछा लिया कि क्या वह खिड़की के बगल के बिस्तर पर जा सकता है। 

खिड़की के बगल में बिस्तर पर जाने के बाद, धीरे-धीरे उसने खिड़की के बाहर अपना पहली नज़र डालने के लिए उठने की कोशिश की। वह उत्साहित था कि आखिरकार उसे खिड़की से बाहर देखने को मिल गया। वह धीरे से बिस्तर से खिड़की की और बाहर देखने के लिए मुड़ा और वह आश्चर्यचकित रह गया। क्योंकि खिड़की के सामने केवल एक “खाली दीवार” दिख रही थी। रमेश उसको ऐसे ही कहानी सुनाया करता था। जिससे दोनों का दिल लगा रहता। खिड़की से दीवार के इलावा कुछ नहीं दिखता था। अशोक को अपनी गलती पर बहुत पछतावा हुआ। उसने ईर्ष्या में आ कर अपने एक साथी को खो दिया था।

Moral of the story:- हमें जीवन को सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ देखना चाहिए। परिस्थितियाँ उन चीजों का हिस्सा हैं जो हमें खुशी देती हैं। खुशी खोजने के लिए हमें अपने अंदर की यात्रा की आवश्यकता है।

ईश्वर ने हमे जो दिया है हमे उसमें खुश रहना चाहिए। ज्यादा की चाहत में हम वो भी खो देते है जो हमारे पास था। 


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Image Credit:- Canva


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