Long story in hindi | सास को हुआ अपनी भूल का अहसास
आज की हमारी हिंदी कहानी “सास को हुआ अपनी भूल का अहसास” है। यह Long story in hindi सास बहु के रिश्ते पर बनाई गई है। आपने saas bahu ki kahani पढ़ी भी होगी और अपनी ज़िन्दगी में बहुत बार देखी भी होगी। सास-बहु का रिश्ता अगर अच्छा हो तो वो माँ-बेटी बन जाती है, अगर उनके रिश्ते में कड़वाहट हो तो, वो एक दूसरे को देखना भी पसंद नहीं करती। आज हम ऐसी ही सास बहु की कहानी आपके साथ शेयर कर रहे है। हम उम्मीद करते है आपको यह new hindi kahani जरूर पसंद आएगी।

राधाजी एक आम मध्यम वर्गीय परिवार की मुखिया थी। वे अपने बेटे शुभम और बहु मनीषा के साथ रहती थी। एक बेटी सीमा थी जो कि शादी के बाद अमेरिका में बस गई थी। राधाजी के पति की मृत्यु बहुत पहले ही हो चुकी थी। शुभम और मनीषा की शादी को पांच साल हो गए थे लेकिन अब तक उनकी कोई संतान नहीं थी।
राधाजी की बहु मनीषा भी जॉब करती थी, जो कि राधा जी को बिल्कुल भी नहीं सुहाता था। वे जल्द से जल्द दादी बनना चाहती थी, लेकिन मनीषा और शुभम यह अच्छी तरह से जानते थे कि अभी मनीषा का जॉब करना कितना जरूरी था। राधाजी अपने बेटे शुभम से इस बारे में बात करती तो शुभम किसी ना किसी बहाने से बात को टाल देता था। इसलिए वे मनीषा को ही परेशान करने के बहाने ढुंढती रहती थी ताकि वह अपनी जॉब छोड़ दें। और अभी कोरोना काल में तो मानो उनके मन की मुराद ही पूरी हो गई थी।
हालांकि वे दिल की बुरी नहीं थी, लेकिन पोते की चाह में वे ना चाहते हुए भी ऐसा कर जाती थी। अपनी हमउम्र सहेलियों को दादी बनते देखकर उनका मन दुखी हो जाता था। उस दिन भी घर में ऐसा ही कुछ हुआ। ऑफिस में काम की वजह से मनीषा देर तक सोती रही और राधाजी को अच्छा खासा मौका मिल गया।
” ये क्या बहु, अभी तक सो रही हो, पता है सुबह के दस बज गए हैं। शुभम भी बेचारा कब से उठकर, ऑफिस के काम पर लग गया है और तुम हो कि अभी तक सोई पड़ी हो, चलो अब उठकर सबके लिए चाय नाश्ता बना लो, मुझसे कुछ हो नहीं पाता है, वरना मैं तो तुम्हारे भरोसे कभी ना रहती, खुद ही सब कर लेती।”
“सॉरी मांजी, वह देर रात तक काम चलता रहा इसलिए सुबह सुबह ही सो पाई थी, इसलिए समय का पता ही नहीं चला। आप चलिए मैं अभी जल्दी से आती हूं”
“हां हां ठीक है, मेरा कुछ नहीं पर शुभम को देख लो उसे कुछ चाहिए तो नहीं, कबसे उठा है बेचारा, हे भगवान मुझे जल्दी से ठीक कर दे, ताकि मै ही अपने बेटे का ध्यान रख सकूं।” राधाजी ने नाटकीय अंदाज में कहा।
राधा जी ने अपनी बहु मनीषा को उठाते हुए कहा। मनीषा ने घड़ी देखी तो वाकई दस बज गए थे, आज उसकी आंख कैसे नहीं खुली, वह जल्दी जल्दी अपने काम निपटाकर हॉल में आई तो, शुभम अपने लेपटॉप के साथ ऑफिस के काम कर रहा था। उसने किचन में जाकर चाय नाश्ता बनाया और फिर रात के बर्तन साफ किए और झाड़ू पोंछा करके नहाने चली गई।
दरअसल, कोरोना वायरस की बढ़ती बिमारी की वजह से, शहर में पूरी तरह लॉक डाऊन किया गया था। इसलिए काम वाली बाई भी नहीं आ रही थी। मनीषा खुद एक इंटरनेशनल कंपनी में काम करती थी, उसका ऑफिस टाइम निश्चित नहीं होता था, अधिकतर उसे रात में देर तक काम करना होता था। कल भी उसका काम देर तक चलता रहा इसलिेए वह देर तक सोती रही।
मनीषा नहाकर आई तो देखा कि, उसकी सास अपने कमरे में अपनी सहेली से फोन पर बात कर रही थी। बातचीत में अपना नाम सुनकर मनीषा सास की बात सुनने लगी।
” अरे शारदा, तुम भी अपनी बहु को ज्यादा सर पर मत बैठाओ, बहु को ज्यादा उड़ने दोगी तो कल को अपनी नौकरी के चक्कर में वह तुम्हें ही घर की नौकरानी बनाकर छोड़ेगी, मैं तो भई शुरू से ही मनीषा के नौकरी करने के खिलाफ थी, अब करे नौकरी शौक से, पर साथ-साथ घर के काम भी करें। मैं तो बदन दर्द का बहाना बनाकर बैठ जाती हूं, नहीं तो सारे काम का बोझ मेरे सिर पर आ गिरता। मैं कोई मुफ्त की नौकरानी थोड़े ही हूं। मैं तो कहती हूं तुम भी यही किया करो।”
सास की बात सुनकर मनीषा की आंखों में आंसू आ गए। वह जिस सास को बिमार समझकर, उनकी दिन रात सेवा करती है, उन्हें एक ग्लास तक उठाने नहीं देती है, सारा दिन घर का और रात को ऑफिस का काम करके थकान से चूर होकर भी उफ तक नहीं करती उसका यह फल मिला है उसे, माना वे मेरी नौकरी के खिलाफ है, मगर यदि घर की किश्त नहीं होती तो, वह भी कभी नौकरी नहीं करती।
शुभम का बोझ कम करने के लिए ही तो वह नौकरी कर रही थी। खैर अभी के मुश्किल समय में वह सास से किसी भी बात पर बहस नहीं करना चाहती थी, जिससे घर का माहौल खराब हो। इसलिए वह उनकी बात को नजरंदाज करके वहां से चली गई। लेकिन उसकी नजरों में राधाजी की इज्जत जरुर कम हो गई थी।
दूसरे दिन, सुबह सुबह राधाजी की बेटी सीमा का अमेरिका से फोन आ गया। सीमा की सास उसके पास अमेरिका आई हुई थी। आदत के अनुसार, राधाजी ने जैसे ही सीमा की सास की बुराई करनी चाही वैसे ही सीमा ने उन्हें डपट दिया।
” मां, आप बिल्कुल भी मांजी के बारे में अनाप-शनाप नहीं बोलेगी। पता है आपके चक्कर में आकर मैंने उनके साथ कितना बुरा व्यवहार किया था, लेकिन आज मुझे उनकी किमत पता चल गई है। तुम तो उनके यहां पर आने के कितने खिलाफ थी, मगर आज अगर वे यहां नहीं होती ना मां, तो ना जाने हमारा क्या हाल होता। तुम्हे तो पता ही है कि मेरा नौकरी करना कितना जरूरी है, कोरोना ने यहां भी ऐसा कहर ढाया है कि घर से ही सब करना पड़ रहा है।
किट्टू का बेबी केयर सेंटर भी बंद है। मैं और राजेश फूल टाइम बिजी रहते हैं, ऐसे में मां, मांजी ने अकेले ही किट्टू के साथ-साथ पूरे घर का सारा काम संभाला हुआ है। मुझे कुछ भी नहीं करने देती है। अगर वे नहीं होती तो, मां हमारा क्या होता, यह सोचकर ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। सच में मां वे कोई साधारण महिला नहीं है, बल्कि मेरे लिए तो देवी के समान है। मेरे इतना अपमान करने के बावजूद…. और सीमा रोने लगी। उसने फोन कट कर दिया।”
सीमा की बात सुनकर, राधाजी की भी आंखें भर आईं। उन्हें अपनी भूल का एहसास हो गया था। मनीषा तो वाकई उनका कितना ख्याल रखती है। उनकी कड़वी से कड़वी बात का भी बुरा नहीं मानती है, उल्टे जवाब भी नहीं देती है। वाकई अभी का समय तो एक दुसरे को हौसला देने का है, सारे गिले-शिकवे भुलाकर, एक दूसरे की मदद करने का है, तो फिर वे स्वार्थ में कैसे अंधी हो गई थी। इतना कैसे गिर गई थी कि ऐसे मुश्किल समय में अपने ही परिवार की सहायता नहीं कर सकती।
उन्होंने, उसी समय मनीषा को बुलाकर, उसके सिर पर प्यार से हाथ फेरते हुए कहा,
” मनीषा, आज से घर के कामों की आधी जिम्मेदारी मेरी रहेगी, मैंने आज तक तुम्हें जो भी कहा और किया उसके लिए सॉरी। चलो अब तुम जाकर आराम करो, खाना मैं बना लूंगी।”
इधर, सास का बदला हुआ रूप देखकर, मनीषा की भी आंखों में खुशी के आंसू आ गए। और अपनी सास के प्रति, उसके मन में फिर से पहले वाला सम्मान वापस आ गया था।
शायद हमारे जीवन में मुश्किल समय आता ही इसलिए है कि हमें एक दूसरे की अहमियत का पता चले। अपनी गलतियों का एहसास होने और आगे बढ़कर माफी मांगने से वाकई इंसान छोटा नहीं बल्कि बहुत बड़ा हो जाता है। राधाजी की तरह।
दोस्तों, आपको आज की यह story in hindi जोकि की saas bahu ki kahani है कैसी लगी, हमे comment कर के जरूर बताए, और shayaribell.com को follow करना न भूलें।
धन्यवाद!
Story in hindi written by:- Renuka raaj
Image credit:- canva.com
Related Posts

Akbar Birbal Story: दुष्ट नाई की दुर्दशा

5 Short Stories in Hindi: बच्चों के लिए हिंदी में कहानियां

Moral Short Story in hindi | कुम्हार की सच्चाई
About The Author
shayaribell
shayaribell में बड़ी संख्या और अद्वितीय शायरी संग्रह है। हमारे पास शायरी इमेज, qoutes images , गुड मॉर्निंग इमेज, गुड नाइट इमेज, कवितायेँ, कहानियां का संग्रह है।
Hello mam kya mai apki kahani mere YouTube channel kahaniyo ka baksa m upload kr skti hu pls permission dijiye.
Hi, Manisha kya aap apne youtube ka link humare sath share kr sktey hai.
Nice story
आपकी कहानियां बहुत ही बढ़िया है इसी तरह की कहानी आप आप मुझे सुनाते रहो
धन्यवाद, सरिता जी। हम पूरी कोशिश करेंगे आपके लिए ऐसी कहानियां लिखने की।
Comment आपकी यह सांसो की कहानी बहुत ही बढ़िया आप इसी तरह की कहानियां सुनाते रहिए
kya main apki stories ko apne youtube channel me upload kar sakta hun agar main video ke description me apki website ka link share karu
Hi mam, kya m aapki kahani apne YouTube channel per post kar sakti hun, kahani bahut shaandar hai